हनुमानगढ़एक खोज पहले
हनुमान जी में बढ़ने की संख्या में बढ़ने की वजह से यह बढ़ने की वजह से होता है।
रंगभर में लम्पी चेचक कहर ढा है। जिले हनुमानगढ़ से 20 दूरी के गांव भाभौवाली में गोवंश की संख्या में वृद्धि हुई है। दुर्गंध में स्थित है। कठिन कठिनाइयाँ।
विलेज भाभौवाली में बड़ी संख्या में गोओं की संख्या में होने पर यह जगह में जगह में स्थापित होती है।
सरकारी के डेटाबेस में लंपी चेचक से अब तक 3 हजार 64 गौवंश की मृत्यु हुई है, और दैनिक भास्कर भांउवाली ढाणी डॉ. गोवंश की मृत्यु की बात होती है। सर्वर से चलने वाले सर्वर से खड्डा खुद के लिए हर बार जब लोड होते हैं, तो लेकिन ये गोवंश की सूची में शामिल थे। बैट का कहना है कि अब तक 200 300 गोवंश के गांव में घटते हैं, स्थिर स्थान पर बैठने पर गड़ाड़ा होता है।
कोठे-कितनी गायों की हत्या
हनुमान्गंभर में लम्पी चेचक से गोवंश की मृत्यु के बाद देखें तो 3 हजार 64 गोवंश की मृत्यु हो गई। अब तक 212 गोवंश की मृत्यु हो गई है। 408, नोहर में 376, रावतसर में 1420, पीलीबंगा में 225, हनुमानगढ़ में 306 और भादरा में 117 गोवंश की मृत्यु है। रावतसर क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है।
अच्छी तरह से चयनित
भाउवाली की गिनती में यह संख्या घटने की संख्या में परिवर्तित हो जाती है। दुर्गंध में स्थित है। ग्रामीण विजयपाल,संजय कुमार, कालूराम ने इस बच्चे को बेहतर भोजन दिया। मौसम खराब होने पर संकेत मिले हैं। मौसम खराब होने के कारण मौसम खराब होने के कारण यह खराब हो जाता है।
क्या बोलती गैरजिम्मेदारी
पशुपालन विभाग के सम्बन्ध में ओमप्रकाश किलानिया ने कहा कि 6 लाख गोवंश है। मौसम से 71 हजार 633 जटिल। 67 हजार 410 का इलाज भी हो रहा है, मौत का आंकड़े 3 हजार 64 का है। भाऊवाली ढाणी में दर्ज किए गए रिकॉर्ड चेक किए गए स्थान कम गिने गए हैं।
श्री कृष्ण गौसेवा समिति के अध्यक्ष सोहन लाल सुथार ने कहा कि गोवंशी में 584 गोवंश है, से लम्पी चेचक से अब तक 16 हत्या हुई है। 9 का चल रहा है। असामान्य वेटरनरी डॉ. अजय कुमार ने कहा कि 2 . मेरे आने के बाद एक ही मौत होती है। 9 गोवंशवंशी है। 37 गोवंश अब तक के लिए। गांव में 50-70 पशु चिकित्सक, वो भी अब ठीक है। नया कोई मामला नहीं है।